Delhi Election 2020: क्या दिल्ली में कांग्रेस का तंबू उखड़ चुका है?
सार
- 15 साल तक किया दिल्ली में राज, 2013 से डीरेल हुआ जनाधार
- इस बार न मिले ढंग के उम्मीदवार, न प्रचार अभियान को धार
- कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल और महासचिव प्रियंका दिल्ली के बाहर व्यस्त
- उत्तर प्रदेश, बिहार की तरह दिल्ली में पार्टी की हालत हो रही है पतली
विस्तार
क्या दिल्ली में कांग्रेस पार्टी की राजनीति का तंबू उखड़ रहा है? क्या दिल्ली में कांग्रेस उत्तरप्रदेश और बिहार की रणनीति ही दोहराने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस पार्टी के नेताओं की तरफ से भी कोई उत्साहजनक संकेत नहीं मिल रहे हैं।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सुष्मिता देव का कहना है कि कांग्रेस दिल्ली विधानसभा चुनाव में अच्छा करेगी। चुनाव नतीजा आने दीजिए, अपने आप सब सामने आएगा। कांग्रेस नेता का कहना है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार से भाजपा और आम आदमी पार्टी का असली चेहरा सामने आ चुका है। लोग कांग्रेस पार्टी के समय में 15 साल तक दिल्ली में हुए विकास को देखा है। उसे याद कर रहे हैं।
इसके समानांतर भाजपा के अमित मालवीय का कहना है कि कांग्रेस ने भाजपा को रोकने के लिए आम आदमी पार्टी के सामने आत्महत्या कर ली है। उसका प्रचार अभियान दिखाई भी नहीं पड़ रहा है। अमित मालवीय का कहना है कि दिल्ली भी एक ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जहां से कांग्रेस का जनाधार बिल्कुल न के बराबर रह जाएगा। उसकी स्थिति उत्तर प्रदेश. और बिहार जैसी होने वाली है। भाजपा के एक अन्य नेता का कहना है कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के जनाधार के बारे में अब कहने की जरूरत नहीं है। साफ-साफ दिखाई पड़ रहा है।
आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान में शामिल राजेश चौधरी का कहना है कि कांग्रेस के प्रत्याशियों को देख लीजिए। अधिकांश नए चेहरे हैं। दिग्गज नेता चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। चौधरी का कहना है कि बड़े नेता चुनाव प्रचार में भी उतरने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष दिल्ली के बजाय जयपुर में युवा आक्रोश रैली कर रहे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी यूपी में सक्रिय हैं।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सुष्मिता देव का कहना है कि कांग्रेस दिल्ली विधानसभा चुनाव में अच्छा करेगी। चुनाव नतीजा आने दीजिए, अपने आप सब सामने आएगा। कांग्रेस नेता का कहना है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार से भाजपा और आम आदमी पार्टी का असली चेहरा सामने आ चुका है। लोग कांग्रेस पार्टी के समय में 15 साल तक दिल्ली में हुए विकास को देखा है। उसे याद कर रहे हैं।
इसके समानांतर भाजपा के अमित मालवीय का कहना है कि कांग्रेस ने भाजपा को रोकने के लिए आम आदमी पार्टी के सामने आत्महत्या कर ली है। उसका प्रचार अभियान दिखाई भी नहीं पड़ रहा है। अमित मालवीय का कहना है कि दिल्ली भी एक ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जहां से कांग्रेस का जनाधार बिल्कुल न के बराबर रह जाएगा। उसकी स्थिति उत्तर प्रदेश. और बिहार जैसी होने वाली है। भाजपा के एक अन्य नेता का कहना है कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के जनाधार के बारे में अब कहने की जरूरत नहीं है। साफ-साफ दिखाई पड़ रहा है।
आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान में शामिल राजेश चौधरी का कहना है कि कांग्रेस के प्रत्याशियों को देख लीजिए। अधिकांश नए चेहरे हैं। दिग्गज नेता चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। चौधरी का कहना है कि बड़े नेता चुनाव प्रचार में भी उतरने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष दिल्ली के बजाय जयपुर में युवा आक्रोश रैली कर रहे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी यूपी में सक्रिय हैं।